जब हमारा शरीर किसी अंदरूनी समस्या से जूझ रहा होता है, तो वह कई तरह के संकेत देने लगता है। इनमें से एक संकेत है यूरीन से आने वाली असामान्य या तेज बदबू। अक्सर लोग इसे मामूली बात मानकर अनदेखा कर देते हैं। उन्हें लगता है कि शायद पानी कम पीने या कुछ मसालेदार खाने की वजह से ऐसा हुआ होगा। लेकिन अगर यह बदबू लगातार बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
डॉ. सुप्रिया पुराणिक कहती हैं कि यूरीन की गंध में बदलाव हमेशा सिर्फ खानपान की वजह से नहीं होता। यह शरीर में मौजूद संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन या किसी आंतरिक अंग के खराब होने का चेतावनी संकेत भी हो सकता है। इसलिए यूरीन की गंध को नज़रअंदाज़ करना भविष्य में स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं यूरीन से बदबू आने के पीछे के 5 प्रमुख कारण और इससे निपटने के उपाय।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
यूरीन से तेज बदबू आने के सबसे आम कारणों में से एक है यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूटीआई। यह संक्रमण महिलाओं में अधिक आम होता है। इसमें पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब आना, निचले पेट में दर्द और दुर्गंधयुक्त यूरीन जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
यूटीआई के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेशाब करते समय जलन
- बार-बार यूरीन आना
- गाढ़े या बादामी रंग का यूरीन
- यूरीन से तेज बदबू आना
अगर इन लक्षणों को समय रहते नजरअंदाज किया जाए तो संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
डिहाइड्रेशन
शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन भी यूरीन की गंध को बदल सकता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होता, तो यूरीन अधिक गाढ़ा और पीले रंग का हो जाता है। इससे उसमें तेज गंध आने लगती है। गर्मी के मौसम में या शरीर से अधिक पसीना निकलने पर यह स्थिति अधिक देखने को मिलती है।
डिहाइड्रेशन के संकेत:
- मुंह सूखना
- थकान और चक्कर आना
- पेशाब का गहरा रंग
- यूरीन में तीखी गंध
इससे बचाव के लिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
डायबिटीज और कीटोएसिडोसिस
डायबिटीज़ के मरीजों में अगर ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो शरीर में कीटोएसिडोसिस की स्थिति पैदा हो सकती है। इसमें यूरीन से फलों जैसी मीठी या अलग प्रकार की गंध आने लगती है। यह स्थिति मेडिकल इमरजेंसी मानी जाती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
डायबेटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण:
- अधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- थकावट और उलझन
- सांसों और यूरीन से मीठी गंध
अगर इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।
लिवर से जुड़ी समस्याएं
जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर के विषैले तत्व यानी टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते। ये टॉक्सिन्स यूरीन की गंध और रंग दोनों में बदलाव ला सकते हैं। लिवर की समस्याएं धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती हैं और समय पर पहचानना जरूरी होता है।
लिवर की खराबी के संकेत:
- आंखों और त्वचा का पीला होना (पीलिया)
- पेट में सूजन और भारीपन
- भूख में कमी
- यूरीन का गहरा रंग और गंध
लिवर से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
दवाइयों और सप्लीमेंट्स का असर
कई बार कुछ विशेष दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स या विटामिन सप्लीमेंट्स (विशेष रूप से विटामिन B6) भी यूरीन की गंध बदल सकते हैं। दवाओं के रासायनिक तत्व शरीर से यूरीन के जरिए निकलते हैं, जिससे बदबू आने लगती है।
इसके लक्षण:
- यूरीन का रंग या गंध सामान्य से अलग होना
- कोई और बीमारी न होते हुए भी यह बदलाव महसूस होना
यदि दवा के दौरान यह समस्या होती है और लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
यूरीन से बदबू आने पर क्या करना चाहिए
अगर यूरीन से तेज या अजीब गंध आ रही हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। सबसे पहले अपने पानी पीने की आदतों को सुधारें और खानपान पर ध्यान दें। यदि इसके बावजूद लक्षण बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कुछ सामान्य उपाय:
- दिनभर में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं
- जननांगों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
- अत्यधिक मसालेदार और प्रोटीनयुक्त भोजन से बचें
- विटामिन और दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें
समय पर जांच और इलाज से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए शरीर द्वारा दिए गए संकेतों को समझें और सतर्क रहें।
Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और शोध अध्ययनों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल जन सामान्य को जागरूक करना है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या, उपचार या दवा संबंधी निर्णय लेने से पहले प्रमाणित चिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। वेबसाइट इस जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।