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शरीर के इन संकेतों को नजरअंदाज किया तो पछताओगे, हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो शरीर में चुपचाप घर कर जाती हैं और जब तक उनके लक्षण साफ तौर पर सामने आते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। प्रोस्टेट कैंसर ऐसी ही एक बीमारी है। यह पुरुषों में होने वाला एक गंभीर कैंसर है जो अक्सर शुरुआती दौर में बिना किसी खास संकेत के शरीर में विकसित होता रहता है। यही कारण है कि इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लेना और नियमित जांच कराना बेहद जरूरी हो जाता है।

क्या है प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट एक छोटा ग्रंथि (ग्लैंड) होती है जो पुरुषों में मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है। इसका मुख्य कार्य वीर्य (सीमेन) में तरल पदार्थ बनाना है जो शुक्राणुओं के लिए आवश्यक होता है। जब इस ग्रंथि में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं, तो यह प्रोस्टेट कैंसर का रूप ले लेती हैं।

किन लोगों को अधिक होता है खतरा

प्रोस्टेट कैंसर अधिकतर 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में देखने को मिलता है, लेकिन अब यह युवाओं में भी तेजी से फैलता दिखाई दे रहा है। डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, बढ़ती उम्र, पारिवारिक इतिहास, मोटापा, खराब जीवनशैली और हार्मोनल असंतुलन इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।

शुरुआती लक्षण जो नजरअंदाज न करें

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण शुरुआत में इतने मामूली होते हैं कि अक्सर लोग उन्हें सामान्य उम्र या स्वास्थ्य संबंधी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि समय रहते इन्हें पहचान लिया जाए।

प्रोस्टेट कैंसर का सबसे पहला और आम लक्षण है पेशाब करने में दिक्कत होना। इस दौरान पेशाब रुक-रुक कर आ सकता है, जलन महसूस हो सकती है या बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ सकती है। यह मूत्र मार्ग पर दबाव की वजह से होता है।

अगर आप रात में बार-बार पेशाब के लिए उठते हैं और यह स्थिति लगातार बनी हुई है, तो यह प्रोस्टेट ग्रंथि में किसी असामान्यता का संकेत हो सकता है। ऐसे में जांच कराना जरूरी है।

यह एक गंभीर संकेत है जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पेशाब या स्पर्म में खून का आना प्रोस्टेट कैंसर की ओर इशारा कर सकता है।

जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, यह हड्डियों तक फैल सकता है। इससे पीठ के निचले हिस्से, कूल्हे और जांघ में लगातार दर्द बना रह सकता है।

बिना किसी विशेष प्रयास (जैसे डाइटिंग या एक्सरसाइज) के अचानक वजन कम होना और भूख में कमी आना शरीर में किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर भी शामिल है।

प्रोस्टेट कैंसर को रोका जा सकता है अगर समय रहते कुछ जरूरी कदम उठाए जाएं। खासकर 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों को सतर्क रहना चाहिए।

50 की उम्र के बाद हर पुरुष को साल में एक बार PSA (Prostate Specific Antigen) टेस्ट जरूर कराना चाहिए। यह खून की एक जांच है जो प्रोस्टेट में किसी असामान्यता का संकेत दे सकती है।

तम्बाकू और शराब न सिर्फ प्रोस्टेट कैंसर बल्कि कई और बीमारियों का कारण बनते हैं। इनसे दूरी बनाकर प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

खानपान की आदतों में सुधार लाकर भी प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है। ज्यादा वसा वाले भोजन से परहेज करें और हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें। इसके साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करें और वजन को नियंत्रित रखें।

अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से दवा लेने या लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है। कैंसर की शुरुआती पहचान और इलाज से न केवल जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है बल्कि जीवन को भी बचाया जा सकता है।

निष्कर्ष

प्रोस्टेट कैंसर एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है जो शुरुआती लक्षणों के बिना शरीर में विकसित हो सकती है। इसलिए सजग रहना, नियमित जांच कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही इसका सबसे अच्छा बचाव है। याद रखें, समय पर की गई जांच और इलाज से इस रोग को मात दी जा सकती है। यदि आप या आपके किसी जानने वाले को इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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